ज्योतिष, लाइफ स्टाइल
जानिये कैसे करते है बच्चे का नामकरण

भूमिका : हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के साथ ही उसकी कुंडली भी तैयार कर दी जाती है। और फिर उसी कुंडली के अनुसार ज्योतिषी सलाह से बच्चे का नाम रखा जाता है। यदि आप ये जानना चाहते है की वैदिक ज्योतिष के किन नियमों के आधार पे कोई ज्योतिषी बच्चे का नामाकक्षर निर्धारित करता है तो ये लेख पढ़े और आनंद लें|
* अपनी जन्म कुंडली बनाने के लिए आपके पास आपके जन्म की सही तारीख, सही समय व सही स्थान का पता होना आवश्यक है|
लग्न पत्रिका या जन्म पत्रिका :
किसी जीव के जन्म के समय ज्योतिशीय गृह जिन राशियों व नक्षत्रों में विचरण अर्थात गोचर कर रहे होते है उस स्तिथि को समझने के लिए 12 खानों की एक चार्ट बनायीं जाती है, इसे ही जन्म पत्रिका , लग्न कुंडली या D1 Chart कहते है|
जन्म राशि या चन्द्र राशि :
D1 Chart या लग्न पत्रिका में चंद्रमा जिस नम्बर की राशि में बैठा हो उसे ही जातक की जन्म राशि, चन्द्र राशि कहते है|
विद्यारम्भे विवाहे च सर्व संस्कार कर्मषु।
जन्म राशिः प्रधानत्वं, नाम राशि व चिन्तयेत्।।
ज्योतिष शास्त्र में इस श्लोक के माध्यम से कहा गया है कि विद्या आरंभ करते समय, विवाह के समय, यज्ञोपवीत आदि संस्कारों में जन्म राशि को प्रधानता से देखा जाना चाहिए। जब्कि दैनिक राशिफल के लिए आप नाम राशि का प्रयोग कर सकते हैं।
नाम राशि :
जो नाम हम अपनी इच्छा से बिना ज्योतिष जाने रखते है उस नाम के पहले अक्षर से जो राशि बनती है उसे नाम राशि कहा जाता है।
चन्द्र नक्षत्र :
जातक के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में स्तिथ होते है, उसे ही जातक का चन्द्र नक्षत्र कहते है|
नक्षत्रों के चरण :
ज्योतिषशास्त्र ने नक्षत्र फल को सटीक प्रकार से समझने के लिए हर नक्षत्र के चार – चार भाग किए हैं, जिन्हें प्रथम चरण, दूसरा चरण, तृतीय चरण व चतुर्थ चरण का नाम दिया गया है।
नक्षत्रों के चरणाक्षर :
हरेक नक्षत्र के जो 4 – 4 चरण होते हैं, उनमें से प्रत्येक चरण के लिए एक अक्षर निर्धारित किया गया है| इस प्रकार 28 नक्षत्रों (अभिजीत सहित) के कुल 112 चरण व 112 ही अक्षर हुए| जातक के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र के जिस चरण में स्तिथ होता है, उसका नाम उसी जन्मकालीन नक्षत्र के चरणाक्षर पर रखा जाता है।
उदाहरण के लिए यदि किसी भी व्यक्ति का जन्म अश्विनी नक्षत्र के दूसरे चरण में होता है तो उसका नाम इसी नक्षत्र के दूसरे चरण के अक्षर चे से रखा जाएगा। जैसे चेतन्य, चेतक, चेरम आदि। किस नक्षत्र के कौन कौन से अक्षर होते हैं इसे इस टेबल के अनुसार अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
क्रम स. | नक्षत्र –Constellation | चरणाक्षर – 1st Letter | |||
प्रथम चरण | दूसरा चरण | तीसरा चरण | चौथा चरण | ||
1 | अश्विनी | चू | चे | चो | ला |
2 | भरणी | ली | लू | ले | लो |
3 | कृत्तिका | अ | इ | उ | ए |
4 | रोहिणी | ओ | वा | वी | वू |
5 | मृगशिरा | वे | वो | का | की |
6 | आर्द्रा | कु | घ | ड़ | छ् |
7 | पुनर्वसु | के | को | हा | ही |
8 | पुष्य | हू | हे | हो | डा |
9 | अश्लेषा | डी | डू | डे | डो |
10 | मघा | मा | मी | मू | मे |
11 | पूर्वाफाल्गुनी | मो | टा | टी | टू |
12 | उत्तराफाल्गुनी | टे | टो | पा | पी |
13 | हस्त | पू | ष | ण | ठ |
14 | चित्रा | पे | पो | रा | री |
15 | स्वाती | रू | रे | रो | ता |
16 | विशाखा | ती | तू | ते | तो |
17 | अनुराधा | ना | नी | नू | ने |
18 | ज्येष्ठा | नो | या | यी | यू |
19 | मूल | ये | यो | भा | भी |
20 | पूर्वाषाढ़ा | भू | ध | फ | ढ़ |
21 | उत्तराषाढ़ा | भे | भो | जा | जी |
22 | अभिजित | जु | जे | जो | ख |
23 | श्रवण | खी | खू | खे | खो |
24 | धनिष्ठा | गा | गी | गू | गे |
25 | शतभिषा | गो | सा | सी | सू |
26 | पूर्वाभाद्रपद | से | सो | दा | दी |
27 | उत्तराभाद्रपद | दू | थ | झ | ण |
28 | रेवती | दे | दो | चा | ची |
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